आइए लौट चलें मिट्टी के बर्तनों की तरफ, जाने अद्भुत रहस्य
मिट्टी से पैदा हुए, मिट्टी में मिल जाएंगे फिर मिट्टी से इतनी दूर क्यों? आइए जाने मिट्टी के बर्तनों के अद्भुत रहस्य


" alt="" aria-hidden="true" />मिट्टी के बर्तनो मे खाना खाने के आश्चर्यजनक लाभ 


एक समय था, जब घरों में लोग भोजन पकाने और परोसने के लिए मिट्टी के बर्तन इस्तेमाल किया करते थे। लेकिन आगे चलकर वह परंपरा बस दही की हांडी और मटकों तक सीमित रह गई, लेकिन अब यह ट्रेंड फिर से दिखाई दे रहा है। लोगों का रुझान मिट्टी के बने बर्तनों की ओर बढ़ रहा है। ऐसा करना स्वास्थ्य के लिहाज से भी काफी फायदेमंद होता है।


मिट्टी में कई गुण पाए जाते हैं। अधिकांश धातुएं मिट्टी में ही पाई जाती हैं। जब हम मिट्टी के बर्तन में खाना खाते हैं तो अनेक पोषक तत्व जैसे जिंक, मैग्नीशियम, आयरन हमारे शरीर में आते हैं। मिट्टी मे 16 प्रकार के  पोषक तत्वा पाये जाते हैं जो और किसी भी धातु के बर्तन मे नहीं पाये जाते हैं l इसलिए हमारे पूर्वज इनका उपयोग करते थे क्यों की वह जानते थे इसके फायदे के बारे मे लेकिन जैसे जैसे हम आधुनिक हुए हमने इन्हे भुला दिया बेकार समझ के और ले आये केमिकल युक्त एल्युमीनियम और नॉन -स्टिक बर्तन जो हमारे स्वाथ के लिए बहुत ही खराब हैं l


मिट्टी के बर्तन में बना खाना बाकी के बर्तनों में पके खाने से ज्यादा स्वादिष्ट होता है. 
- मिट्टी के बर्तन में खाना पकाने पर इसके माइक्रो न्यूट्रिएंट्स भी कम नहीं होते हैं. 
- खाना जल्दी खराब भी नहीं होता है.
- दूध , दही जैसी चीजें मिट्टी के बर्तन में बनाने से इसका स्वाद दोगुना हो जाता है. 


- मिट्टी में मौजूद हर पोषक तत्व की जरूरत इंसान को होती है. इनमें खाना पकाने से स्वास्थ्य को कई गुना ज्यादा लाभ पहुंचता है. 


कई तरह से फायदेमंद


-अपच और गैस की समस्या दूर होती है।


-पौष्टकता के साथ भोजन का बढ़ता है स्वाद।


-कब्ज की समस्या से मिलती है निजात।


-भोजन में मौजूद पोषक तत्व नष्ट नहीं होते हैं।


-भोजन का पीएच वैल्यू मेंटेन रहता है, इससे कई बीमारियों से बचाव होता है।
मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाने से कोसों दूर रहती हैं बीमारियां,खाने का स्वाद भी हो जाता है दोगुना


क्या आज तक आपने कभी clay pots में खाना पकाया है। कई सालों पहले तक हर घर में clay pots देखे जाते थे और उनमें खाना भी पकाया जाता था, लेकिन आज यह ट्रेंड खत्म हो चुका है। आज बहुत ही कम लोगों के घरों में clay pots देखने को मिलते हैं। लेकिन क्या कोई यह जानता है कि clay pots में खाने से हम बहुत ही ज्यादा स्वस्थ रहते हैं और हमारे शरीर में कई सारी बीमारियां एंटर करने से पहले दस बार सोचती हैं। आइए जानें इसके कुछ लाजबाव फायदे-


आजकल लोग अपनी हेल्थ को लेकर काफी चिंतित रहते हैं और हमेशा यह सोचते रहते है कि कैसे वे अपनी हेल्थ को हमेशा ठीक रखें। लोग यह तो जानते ही हैं कि हमारे शरीर तथा दिमाग को स्वस्थ रखने में हमारे खाने का कितना बड़ा योगदान होता है। लेकिन सिर्फ खाना ही नहीं बल्कि इससे जुड़ी हर बात का अपना अलग योगदान और महत्त्व होता है और इसके साथ ही कि किस बर्तन में भोजन को बनाया जा रहा है, इस पर भी ध्यान दिया जाता है। जी हाँ! खाना बनाने के लिए उपयोग किए जानेवाले बर्तन का भी हमारी हेल्थ पर बहुत असर पड़ता है क्योंकि खाने में मौजूद आवश्यक तत्वों और गुणों को बढ़ाने और घटाने में बर्तनों का विशेष महत्व होता हैं। क्या आपको पता हैं की पहले के समय में लोग clay pots में खाना पकाते थे। आज साइंस ने कितनी भी ज्यादा उन्नति कर ली हैं, लेकिन हकीकत यह हैं की clay pots में भोजन पका कर खाना, प्रेशर कुकर में भोजन पका कर खाने से ज्यादा Healthy हैं। मिट्टी के बर्तन में खाना पका कर खाने से शरीर की कई सारी बीमारियाँ दूर होती हैं।


भोजन के पौषिक तत्व पकने के बाद भी बने रहते है:- clay pots का सबसे बड़ा गुण यह है कि खाना बनाते समय जो भाप भोजन से निकलता है उसे यह बाहर निकलने नहीं देता और जैसा कि हम जानते है कि भोजन से निकलने वाली भाप में खाने के बहुत से पोषक तत्व शामिल होते हैं। इसलिए clay pots का यह गुण हमारे लिए बहुत ही फायदेमंद होता है क्योकि इससे भोजन के सभी पोषक तत्व पकने के बाद भी बने रहते है जब कि बाकि आधुनिक बर्तनों में यह गुण नहीं पाया जाता है।


दूध से बनने वाली Recipes के लिए बेस्ट- बंगाली लोग मिष्टी दोई या दही clay pots में ही पकाते हैं। clay pots में नार्मल दही जमाने से भी दही के पोषक तत्व बढ़ जाते हैं। इसके अलावा मिट्टी के बर्तन में दूध डाल कर पियेंगे तो इससे दूध और भी ज्यादा टेस्टी लगेगा। क्या आपने कभी मिट्टी से बनी कुल्हड़ में चाय या दूध डालकर पिया हैं, क्योंकि जब आप कुल्हड़ में दूध या चाय को डालते हैं तो मिट्टी की खुशबू दूध या चाय में मिक्स हो जाती हैं, जिससे यह चाय और दूध और भी ज्यादा टेस्टी लगने लगते हैं।


सफाई है आसान


अकसर लोगों को मिट्टी के बर्तन कैसे धोने हैं, इस बात को लेकर भी भ्रम रहता है। कई लोग जानकारी के अभाव में इन्हें खरीदते ही नहीं हैं। मिट्टी के बर्तनों को धोना बहुत ही आसान है। इसके लिए आपको कोई केमिकल युक्त साबुन, पाउडर या लिक्विड का इस्तेमाल नहीं करना।


आप बर्तनों को केवल गरम पानी से धो सकते हैं। चिकनाई वाले बर्तनों में ज्यादा से ज्यादा आप पानी में नीबू निचोड़ कर डाल दें तो बर्तन बिल्कुल साफ हो जाते हैं। अगर रगड़कर साफ करना चाहते हैं तो नारियल की बाहरी छाल यानी नारियल के जूट से बर्तन साफ कर लें।


सुविधाजनक इस्तेमाल


कुछ लोगों को लगता है कि पहले तो चूल्हा इस्तेमाल होता था, इसलिए मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल होता था। लेकिन गैस पर क्या मिट्टी के बर्तनों को चढ़ाया जा सकता है? इसका जवाब है हां। आप गैस पर मिट्टी के बर्तनों में खाना बना सकते हैं।


आयुर्वेद में कहा गया है कि जिस बर्तन में आप खाना पका रहे हैं, वह अच्छा होना चाहिए। बस इस बात का ख्याल रखें कि जब आप मिट्टी के बर्तन को गैस पर चढ़ाते हैं तो उसकी फ्लेम यानी आंच मध्यम रखें। तेज आंच पर खाना न बनाएं।


वैसे भी कोई भी बर्तन हो तेज आंच पर खाना नहीं पकाना चाहिए क्योंकि इससे भोजन की पौष्टिकता नष्ट हो जाती है। हालांकि मिट्टी के बर्तन में खाना पकाने में सामान्य बर्तनों की अपेक्षा थोड़ा सा ज्यादा समय लगता है। लेकिन सेहत के लिए सबसे बढ़िया मिट्टी के बर्तन ही होते हैं।


रखें ध्यान 


मिट्टी के बर्तन यूज करने से पहले ध्यान रखें कि जो बर्तन कुकिंग में इस्तेमाल होने हैं, उन्हें पहली बार यूज करने से पहले लगभग 12 घंटे पानी में भिगोकर रखें। यानी रात भर इन बर्तनों को पानी में रखें और सुबह सुखाने के लिए रख दें। 


 जब सूख जाएं तब इस्तेमाल करें। बड़े बर्तनों को बस पहली बार ही 12 घंटों के लिए भिगोना है और छोटे बर्तनों को जैसे गिलास, कटोरी, दही जमाने की हांडी चम्मच, कप आदि को 6 घंटे भिगोना काफी है। उसके बाद मध्यम आंच पर रखें और इसमें पके पौष्टिक भोजन का आनंद लें।



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